आफ़ताब हुसैन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आफ़ताब हुसैन (page 1)
नाम | आफ़ताब हुसैन |
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अंग्रेज़ी नाम | Aftab Hussain |
जन्म स्थान | Austria |
ज़रा जो फ़ुर्सत-ए-नज़्ज़ारगी मयस्सर हो
ये सोच कर भी तो उस से निबाह हो न सका
ये दिल की राह चमकती थी आइने की तरह
वो यूँ मिला था कि जैसे कभी न बिछड़ेगा
वो शोर होता है ख़्वाबों में 'आफ़्ताब' 'हुसैन'
वो सर से पाँव तक है ग़ज़ब से भरा हुआ
वक़्त की वहशी हवा क्या क्या उड़ा कर ले गई
तिरे बदन के गुलिस्ताँ की याद आती है
सो अपने हाथ से दीं भी गया है दुनिया भी
पते की बात भी मुँह से निकल ही जाती है
मिलता है आदमी ही मुझे हर मक़ाम पर
लोग किस किस तरह से ज़िंदा हैं
क्या ख़बर मेरे ही सीने में पड़ी सोती हो
कुछ रब्त-ए-ख़ास अस्ल का ज़ाहिर के साथ है
कुछ और तरह की मुश्किल में डालने के लिए
किसी तरह तो घटे दिल की बे-क़रारी भी
किन मंज़रों में मुझ को महकना था 'आफ़्ताब'
खिला रहेगा किसी याद के जज़ीरे पर
करता कुछ और है वो दिखाता कुछ और है
कब तक साथ निभाता आख़िर
कब भटक जाए 'आफ़्ताब' हुसैन
जो कुछ निगाह में है हक़ीक़त में वो नहीं
हुस्न वालों में कोई ऐसा हो
हर एक गाम उलझता हूँ अपने आप से मैं
हाल हमारा पूछने वाले
गए ज़मानों की दर्द कजलाई भूली बिसरी किताब पढ़ कर
गए मंज़रों से ये क्या उड़ा है निगाह में
फ़िराक़ मौसम की चिलमनों से विसाल लम्हे चमक उठेंगे
एक मंज़र है कि आँखों से सरकता ही नहीं
दुनिया से अलैहदगी का रास्ता