Coupletss of Sarfraz Khalid

Coupletss of Sarfraz Khalid
नामसरफ़राज़ ख़ालिद
अंग्रेज़ी नामSarfraz Khalid
जन्म स्थानDelhi

ज़ीस्त की यकसानियत से तंग आ जाते हैं सब

ये काएनात भी क्या क़ैद-ख़ाना है कोई

वो मुज़्तरिब था बहुत मुझ को दरमियाँ कर के

वो चेहरा मुझे साफ़ दिखाई नहीं देता

वो भी न आया उम्र-ए-गुज़िश्ता के मिस्ल ही

उसी से पूछो उसे नींद क्यूँ नहीं आती

उसी के ख़्वाब थे सारे उसी को सौंप दिए

उस से कह दो कि मुझे उस से नहीं मिलना है

तुम थे तो हर इक दर्द तुम्हीं से था इबारत

तो देखें और किसी को जो वो नहीं मौजूद

तिरी दुआएँ भी शामिल हैं कोशिशों में मिरी

तमाम उम्र ब-क़ैद-ए-सफ़र रहा हूँ मैं

सुनते हैं बयाबाँ भी कभी शहर रहा था

सियाह रात के पहलू में जिस्म के अंदर

सितम किए हैं तो क्या तुझ से है हयात मिरी

शरीक वो भी रहा काविश-ए-मोहब्बत में

रौनक़-ए-बज़्म नहीं था कोई तुझ से पहले

पानियों में खेल कुछ ऐसा भी होना चाहिए था

पैरों से बाँध लेता हूँ पिछली मसाफ़तें

न रात बाक़ी है कोई न ख़्वाब बाक़ी है

न चाँद का न सितारों न आफ़्ताब का है

मिलते हो तो अब तुम भी बहुत रहते हो ख़ामोश

मिरे मरने का ग़म तो बे-सबब होगा कि अब के बार

मौसम कोई भी हो पे बदलता नहीं हूँ मैं

मैं तो अब शहर में हूँ और कोई रात गए

मैं जिस को सोचता रहता हूँ क्या है वो आख़िर

मैं अपने-आप से आगे निकल गया हूँ बहुत

लम्बी है बहुत आज की शब जागने वालो

किसी ने जाँ ही लुटा दी वफ़ाओं की ख़ातिर

ख़्वाब मैले हो गए थे उन को धोना चाहिए था

सरफ़राज़ ख़ालिद Couplets in Hindi - Read famous सरफ़राज़ ख़ालिद Shayari, Couplets, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet सरफ़राज़ ख़ालिद. Free Download Best Couplets, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet सरफ़राज़ ख़ालिद. सरफ़राज़ ख़ालिद Ghazals and Inspirational Nazams for Students.