Coupletss of Shahzad Ahmad (page 6)
नाम | शहज़ाद अहमद |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Shahzad Ahmad |
जन्म की तारीख | 1932 |
मौत की तिथि | 2012 |
जन्म स्थान | Lahore |
दिन निकलते ही वो ख़्वाबों के जज़ीरे क्या हुए
दिल सा वहशी कभी क़ाबू में न आया यारो
दिल पे ऐ दोस्त क़यामत सी गुज़र जाती है
दिल पर भी आओ एक नज़र डालते चलें
दिल ओ निगाह का ये फ़ासला भी क्यूँ रह जाए
दिल भी तो इक दयार है रौशन हरा-भरा
दश्त में कैसी दीवारें
दस बजे रात को सो जाते हैं ख़बरें सुन कर
चुप के आलम में वो तस्वीर सी सूरत उस की
छुप छुप के कहाँ तक तिरे दीदार मिलेंगे
छोड़ने मैं नहीं जाता उसे दरवाज़े तक
चाहता हूँ कि हो परवाज़ सितारों से बुलंद
चाहे अब आप भी मुझे आसेब ही कहें
बुझ गई शम्अ कटी रात गई सब महफ़िल
बिगड़ी हुई इस शहर की हालत भी बहुत है
भूल कर भी कोई लेता नहीं अब नाम-ए-वफ़ा
भरपूर नहीं हैं किसी चेहरे के ख़द-ओ-ख़ाल
बे-हुनर हाथ चमकने लगा सूरज की तरह
बस यही होगा कि दीवाना कहेंगे अहल-ए-बज़्म
बस एक लम्हे में क्या कुछ गुज़र गई दिल पर
बैठा ही रहा सुब्ह से में धूप ढले तक
बहुत शर्मिंदा हूँ इबलीस से मैं
अपने लिए तो ख़ाक की ख़ुश्बू है ज़िंदगी
अपने ही अक्स को पानी में कहाँ तक देखूँ
अजनबी शहरों में तुझ को ढूँढता हूँ जिस तरह
अजब नहीं कि इसी बात पर लड़ाई हो
ऐ सुब्ह की किरन मुझे प्यारी है तू बहुत
अगर दो दिल कहीं भी मिल गए हैं
अब तो साफ़ सुनता हूँ अपने दिल की हर धड़कन
अब तो इंसान की अज़्मत भी कोई चीज़ नहीं