Coupletss of Sahir Ludhianvi (page 2)
नाम | साहिर लुधियानवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sahir Ludhianvi |
जन्म की तारीख | 1921 |
मौत की तिथि | 1980 |
जन्म स्थान | Mumbai |
कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता
किस दर्जा दिल-शिकन थे मोहब्बत के हादसे
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया
जज़्बात भी हिन्दू होते हैं चाहत भी मुसलमाँ होती है
जब तुम से मोहब्बत की हम ने तब जा के कहीं ये राज़ खुला
जान-ए-तन्हा पे गुज़र जाएँ हज़ारों सदमे
इस तरह ज़िंदगी ने दिया है हमारा साथ
इस रेंगती हयात का कब तक उठाएँ बार
हम से अगर है तर्क-ए-तअल्लुक़ तो क्या हुआ
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को
हम जुर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा पाएँगे तन्हा
हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
हर-चंद मिरी क़ुव्वत-ए-गुफ़्तार है महबूस
हर एक दौर का मज़हब नया ख़ुदा लाया
हमीं से रंग-ए-गुलिस्ताँ हमीं से रंग-ए-बहार
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
गर ज़िंदगी में मिल गए फिर इत्तिफ़ाक़ से
इक शहंशाह ने दौलत का सहारा ले कर
दुनिया ने तजरबात ओ हवादिस की शक्ल में
दुल्हन बनी हुई हैं राहें
दिल के मुआमले में नतीजे की फ़िक्र क्या
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से
चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ
बे पिए ही शराब से नफ़रत
बस अब तो दामन-ए-दिल छोड़ दो बेकार उम्मीदो
बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था
औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाज़ार दिया