Coupletss of Qabil Ajmeri

Coupletss of Qabil Ajmeri
नामक़ाबिल अजमेरी
अंग्रेज़ी नामQabil Ajmeri
जन्म की तारीख1931
मौत की तिथि1962

ज़माना दोस्त है किस किस को याद रक्खोगे

ये सब रंगीनियाँ ख़ून-ए-तमन्ना से इबारत हैं

ये गर्दिश-ए-ज़माना हमें क्या मिटाएगी

वक़्त करता है परवरिश बरसों

उन की पलकों पर सितारे अपने होंटों पे हँसी

तुम को भी शायद हमारी जुस्तुजू करनी पड़े

तुम्हारी गलियों में फिर रहा हूँ

तुम न मानो मगर हक़ीक़त है

तज़ाद-ए-जज़्बात में ये नाज़ुक मक़ाम आया तो क्या करोगे

रास्ता है कि कटता जाता है

रंग-ए-महफ़िल चाहता है इक मुकम्मल इंक़लाब

मुझे तो इस दर्जा वक़्त-ए-रुख़्सत सुकूँ की तल्क़ीन कर रहे हो

मैं अपने ग़म-ख़ाना-ए-जुनूँ में

कुछ देर किसी ज़ुल्फ़ के साए में ठहर जाएँ

कुछ और बढ़ गई है अंधेरों की ज़िंदगी

कूचा-ए-यार मरकज़-ए-अनवार

कोई दीवाना चाहे भी तो लग़्ज़िश कर नहीं सकता

कितने शोरीदा-सर मोहब्बत में

ख़ुद तुम्हें चाक-ए-गरेबाँ का शुऊर आ जाएगा

कौन याद आ गया अज़ाँ के वक़्त

हम ने उस के लब ओ रुख़्सार को छू कर देखा

हम बदलते हैं रुख़ हवाओं का

हैरतों के सिलसिले सोज़-ए-निहाँ तक आ गए

ग़म-ए-जहाँ के तक़ाज़े शदीद हैं वर्ना

दिन छुपा और ग़म के साए ढले

बहुत काम लेने हैं दर्द-ए-जिगर से

अभी तो तन्क़ीद हो रही है मिरे मज़ाक़-ए-जुनूँ पे लेकिन

अब ये आलम है कि ग़म की भी ख़बर होती नहीं

आज 'क़ाबिल' मय-कदे में इंक़लाब आने को है

आज जुनूँ के ढंग नए हैं

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