Qita Poetry (page 6)
थी जो वो इक तमसील-ए-माज़ी आख़िरी मंज़र उस का ये था
जौन एलिया
तिरी ज़ुल्फ़ें हैं कि सावन की घटा छाई है
अहमद नदीम क़ासमी
तिरी यादों को प्यार करती हूँ
अंजुम रहबर
तिरी नाज़ुक और लाँबी उँगलियाँ
अख़्तर अंसारी
तेरी ख़ुश-रंग चूड़ियाँ अब तक
प्रेम वारबर्टनी
तेरी फ़ितरत सुकूँ-पसंदी है
महेश चंद्र नक़्श
तिरी दुनिया जहान-ए-मुर्ग़-ओ-माही
अल्लामा इक़बाल
तेरी बस्ती में जिधर से गुज़रे
हबीब जालिब
तिरी बद-गुमानियों का है अजीब सा तसलसुल
अब्दुल्लाह बाबर
तिरे सीने में दम है दिल नहीं है
अल्लामा इक़बाल
तेरे सर पर जुनून है प्यारे
दिलावर सिंह
तेरे माथे पे ये नुमूद-ए-शफ़क़
जाँ निसार अख़्तर
तिरे फ़िराक़ में ज़हराब-ए-ग़म पिए जाऊँ
सूफ़ी तबस्सुम
तेरा मेयार गिराना भी नहीं है हम ने
फ़य्याज़ अस्वद
तिरा जौहर है नूरी पाक है तू
अल्लामा इक़बाल
तिरा जमाल निगाहों में ले के उट्ठा हूँ
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
तिरा अंदेशा अफ़्लाकी नहीं है
अल्लामा इक़बाल
ताज़ा ख़बर
अनवर मसूद
तस्कीन-ए-दिल के वास्ते हर कम-बग़ल के पास
मीर तक़ी मीर
तरीक़-ए-अहल-ए-दुनिया है गिला-शिकवा ज़माने का
अल्लामा इक़बाल
तपते दिल पर यूँ गिरती है
साहिर लुधियानवी
ताँक-झाँक
अतहर शाह ख़ान जैदी
ताना-ए-इस्याँ देने वालो एक नज़र इस पर भी डालो
आमिर उस्मानी
तमीज़-ए-ख़ार-ओ-गुल से आश्कारा
अल्लामा इक़बाल
तमन्ना कुछ तो ले आती है लब पर
सूफ़ी तबस्सुम
तमाम उम्र मैं आँसू बहाऊँगा 'अख़्तर'
अख़्तर अंसारी
तमाम शब दिल-ए-वहशी तलाश करता है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
तल्ख़ियों में समा के पीता हूँ
गणेश बिहारी तर्ज़
तजरबा है हमें मोहब्बत का
साग़र ख़य्यामी
ताज जब मर्द के माथे पे नज़र आता है
असरार-उल-हक़ मजाज़