Couplets Poetry (page 301)

बिछड़ने वालों में हम जिस से आश्ना कम थे

मोहसिन ज़ैदी

अगर चमन का कोई दर खुला भी मेरे लिए

मोहसिन ज़ैदी

हम उसे अन्फ़ुस ओ आफ़ाक़ से रखते हैं परे

मोहसिन शकील

बंद आँखें जब खुलीं तो रौशनी पहचान ली

मोहसिन शैख़

ज़िक्र-ए-शब-ए-फ़िराक़ से वहशत उसे भी थी

मोहसिन नक़वी

यूँ देखते रहना उसे अच्छा नहीं 'मोहसिन'

मोहसिन नक़वी

ये किस ने हम से लहू का ख़िराज फिर माँगा

मोहसिन नक़वी

वो लम्हा भर की कहानी कि उम्र भर में कही

मोहसिन नक़वी

वो अक्सर दिन में बच्चों को सुला देती है इस डर से

मोहसिन नक़वी

वो अक्सर दिन में बच्चों को सुला देती है इस डर से

मोहसिन नक़वी

वफ़ा की कौन सी मंज़िल पे उस ने छोड़ा था

मोहसिन नक़वी

तुम्हें जब रू-ब-रू देखा करेंगे

मोहसिन नक़वी

सिर्फ़ हाथों को न देखो कभी आँखें भी पढ़ो

मोहसिन नक़वी

शाख़-ए-उरियाँ पर खिला इक फूल इस अंदाज़ से

मोहसिन नक़वी

पलट के आ गई ख़ेमे की सम्त प्यास मिरी

मोहसिन नक़वी

मौसम-ए-ज़र्द में एक दिल को बचाऊँ कैसे

मोहसिन नक़वी

लोगो भला इस शहर में कैसे जिएँगे हम जहाँ

मोहसिन नक़वी

क्यूँ तिरे दर्द को दें तोहमत-ए-वीरानी-ए-दिल

मोहसिन नक़वी

कितने लहजों के ग़िलाफ़ों में छुपाऊँ तुझ को

मोहसिन नक़वी

कल थके-हारे परिंदों ने नसीहत की मुझे

मोहसिन नक़वी

कहाँ मिलेगी मिसाल मेरी सितमगरी की

मोहसिन नक़वी

जो दे सका न पहाड़ों को बर्फ़ की चादर

मोहसिन नक़वी

जिन अश्कों की फीकी लौ को हम बेकार समझते थे

मोहसिन नक़वी

जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ

मोहसिन नक़वी

हम अपनी धरती से अपनी हर सम्त ख़ुद तलाशें

मोहसिन नक़वी

हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद न कर दे

मोहसिन नक़वी

गहरी ख़मोश झील के पानी को यूँ न छेड़

मोहसिन नक़वी

दश्त-ए-हस्ती में शब-ए-ग़म की सहर करने को

मोहसिन नक़वी

चुनती हैं मेरे अश्क रुतों की भिकारनें

मोहसिन नक़वी

अज़ल से क़ाएम हैं दोनों अपनी ज़िदों पे 'मोहसिन'

मोहसिन नक़वी

Couplets poetry in Hindi - Read Best Ghazals, Sad Poetry by Famous Poets in Hindi with Sad Hindi Shayari, Love Poetry & Two Line Sher. Largest Collection of Couplets in Hindi for Students and Youth. Free download best Couplets, Sufi Poetry, Love Shayari written by great Poets in PDF.