Coupletss of Muztar Khairabadi (page 5)

Coupletss of Muztar Khairabadi (page 5)
नाममुज़्तर ख़ैराबादी
अंग्रेज़ी नामMuztar Khairabadi
जन्म की तारीख1865
मौत की तिथि1927

ख़िदमत-ए-गश्त बगूलों को तो दी सहरा में

ख़त फाड़ के फेंका है तो लिक्खा भी मिटा दो

ख़ाल-ओ-आरिज़ का तसव्वुर है हमारे दिल में

कैसे दिल लगता हरम में दौर-ए-पैमाना न था

कहीं जो बुलबुल ने देख पाया तो मेरी उस की नहीं बनेगी

कह दो साक़ी से कि प्यासा न निकाले मुझ को

काबे में हम ने जा के कुछ और हाल देखा

जो पूछा मुँह दिखाने आप कब चिलमन से निकलेंगे

जो पूछा दिल हमारा क्यूँ लिया तो नाज़ से बोले

जिए जाते हैं पस्ती में तिरे सारे जहाँ वाले

जितने बुत हैं मैं सब पे मरता हूँ

जनाब-ए-ख़िज़्र राह-ए-इश्क़ में लड़ने से क्या हासिल

जलवा-ए-रुख़सार-ए-साक़ी साग़र-ओ-मीना में है

जलेगा दिल तुम्हें बज़्म-ए-अदू में देख कर मेरा

जगाने चुटकियाँ लेने सताने कौन आता है

जब उन की पतियाँ बिखरें तो समझे मस्लहत उस की

जब मैं ने कहा दिल मिरा पामाल किया क्यूँ

जान देना नहीं किसे मंज़ूर

जा के अब नार-ए-जहन्नम की ख़बर ले ज़ाहिद

इसी को पी के होती है शिफ़ा बीमार-ए-उल्फ़त को

इश्क़ का काँटा हमारे दिल में ये कह कर चुभा

ईसा से दवा-ए-मरज़-ए-इश्क़ न होगी

ईसा कभी न जाते लेकिन तुम्हारे ग़म में

इस से पहले मैं कभी आबाद घर बस्ती में था

इन बुतों की ही मोहब्बत से ख़ुदा मिलता है

ईमान साथ जाएगा क्यूँकर ख़ुदा के घर

इलाज-ए-दर्द-ए-दिल तुम से मसीहा हो नहीं सकता

इकट्ठे कर के तेरी दूसरी तस्वीर खींचूँगा

हम से अच्छा नहीं मिलने का अगर तुम चाहो

हज़ारों हुस्न वाले इस ज़मीं में दफ़न हैं 'मुज़्तर'

मुज़्तर ख़ैराबादी Couplets in Hindi - Read famous मुज़्तर ख़ैराबादी Shayari, Couplets, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet मुज़्तर ख़ैराबादी. Free Download Best Couplets, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet मुज़्तर ख़ैराबादी. मुज़्तर ख़ैराबादी Ghazals and Inspirational Nazams for Students.