Rubaai Poetry (page 4)
था आदम-ए-ख़ाकी ग़ज़ब बे-ज़िन्हार
ग़ुलाम मौला क़लक़
तेज़ी नहीं मिनजुमला-ए-औसाफ़-ए-कमाल
इस्माइल मेरठी
तिरी दुनिया जहान-ए-मुर्ग़-ओ-माही
अल्लामा इक़बाल
तिरे सीने में दम है दिल नहीं है
अल्लामा इक़बाल
तिरा तन रूह से ना-आश्ना है
अल्लामा इक़बाल
तिरा अंदेशा अफ़्लाकी नहीं है
अल्लामा इक़बाल
टेढ़ी लकीर
फ़े सीन एजाज़
ता-उम्र रहे हम गो सरगर्म-ए-अमल
अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद
तौहीद की राह में है वीराना-ए-सख़्त
इस्माइल मेरठी
तौहीद
अल्ताफ़ हुसैन हाली
तस्कीन-ए-विसाल ओ रंज-ए-फ़ुर्क़त क्या है
सूफ़ी तबस्सुम
तस्कीन-ए-ग़म-ए-दिल के लिए जीता हूँ
अख़्तर अंसारी
तस्कीन-ए-दिल और रूह का आराम पिला
फ़रीद परबती
तश्कीक ने ईक़ान से महरूम रखा
अख़्तर अंसारी
तारीक रगें लहू से रौशन कर दे
शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी
तारीक है रात और दुनिया ज़ख़्ख़ार
इस्माइल मेरठी
तारीफ़ बताऊँ शेर की क्या क्या है
शाद अज़ीमाबादी
तक़रीर से वो फ़ुज़ूँ बयान से बाहर
इस्माइल मेरठी
तक़दीर-ए-अज़ल आह तो भरती होगी
अख़्तर अंसारी
तक़ाज़ा-ए-सिन
अल्ताफ़ हुसैन हाली
तन्हा है चराग़ दूर परवाने हैं
शाद अज़ीमाबादी
तन के लिए अहकाम-ए-दक़ीक़ा भी सुनाओ
सादिक़ैन
तन ऐश का घर है इस का अस्बाब है रूह
सययद मोहम्म्द अब्दुल ग़फ़ूर शहबाज़
ता-माह-ए-सियाम हुए बाब-ए-उम्मीद
ग़ुलाम मौला क़लक़
तालीम की मीज़ान में हैं तुलते जाते
सययद मोहम्म्द अब्दुल ग़फ़ूर शहबाज़
तकमील में उन उलूम के हो मसरूफ़
अकबर इलाहाबादी
तख़्लीक़ में मोतकिफ़ ये होना मेरा
सादिक़ैन
तख़्लीक़ के सक़्फ़-ओ-बाम पाटे जाएँ
सादिक़ैन
तहसीन के तोहफ़े मुझे 'साइब' देता
सादिक़ैन
तदबीर-ए-शिफ़ा किसे बताए कोई
नामी अंसारी